तेरे हुस्न ने ना जाने कितने फरमान जारी किया है ..दिल -ए–महफ़िल में क़त्ले -आम बेशुमार किया है ..गुजारिश है मेरी , तमन्ना है ..बस कबूल हो जायेचांदनी से रोशन इस रात में , आपका दीदार हो जाये ..