बात दिल की जो है, तुमसे कह दूँ मगरसुन के कुछ देर खामोश रहना सनमहमको मालूम है सब्र मुश्किल है…
Continue Readingदिल का आश्रय धाम
तुम हो शीतल मस्त पवन,और बहती सुबहोशाम हो तुम सरिता हो मेरे मन की,दिल का आश्रय धाम हो मेरे मन…
Continue Readingएक कहानी
सुनो मैं आज फिर कोई,कहानी कहने आया हूँबहुत बोझिल हुई लेकिन ,जवानी सहने आया हूँनहीं है रूह अब मुझमें, ये…
Continue Readingमाँ तू कितनी भोली है
त्याग,प्रेम,ममता की मूरत
माँ तू कितनी भोली है
क्रोध भी आवश्यक है
बहुत हुआ यूँ दर्द में जीना,विरह गीत अब नहीं लिखूँगा
बहुत हुआ हर बार हारना,तुम्हें जीत अब नहीं लिखूँगा
सोच के ये,मैं कम लिखता हूँ
धाराएं विपरीत हो गयीं
फिर भी मैं संगम लिखता हूँ
रुसवा न हो जाये चाहत
सोच के ये ,मैं कम लिखता हूँ